राष्ट्रीय ई-शासन योजना क्या है और कैसे काम करता है भारत सरकार द्वारा आरम्भ की गयी एक योजना है जिसका उद्देश्य भारत के नागरिकों को सभी सरकारी सेवाएँ इलेक्ट्रानिक माध्यमों से उपलब्ध कराना है। यह योजना भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिकी विभाग, सूचना प्रौद्योगिकी विभाग तथा प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग द्वारा बनायी गयी थी।सरकारी सेवाएँ प्रदान करने के लिए सूचना तथा संचार प्रौद्योगिकी का उपयोग करना इलेक्ट्रॉनिक शासन (Electronic governance या e-governance) कहलाता है।
राष्ट्रीय ई-शासन योजना क्या है(what is national governance plan)
ई-शासन के जरिए ग्राम पंचायत के लोगों को केंद्र से लेकर राज्य सरकार तक की योजनाओं के बारे में आसानी से जानकारी मिल रही है। सूचना का अधिकार लागू होने के बाद हर नागरिक ग्राम पंचायतों से विभिन्न तरह की सूचनाओं के बारे में जानकारी हासिल कर रहा है। हर व्यक्ति राजकीय आर्थिक सहायता योजना, स्वास्थ्य, सफाई, रोजगार, अनाज की कीमत, शिक्षा के बारे में जानकारी चाहता है। सूचना अधिकार एक्ट के अनुसार वैसे भी यह सूचना उपलब्ध करवानी सरकार की जिम्मेदारी भी है जोकि इंटरनेट की सहायता से ऑनलाइन गवर्नमेंट द्वारा सही-सही मिलना संभव है। पंचायतों में ई-शासन व्यवस्था होने से हर काम की रिपोर्ट सरकार तक पहुंच सकती है। कितनी सड़कें टूटी हैं और कितनी सड़कों पर काम चल रहा है, कहां, किस तरह की जरूरत है, इसके बारे में ग्राम पंचायत से लेकर केंद्र सरकार तक के आंकड़ें प्राप्त किए जा सकते हैं। इसी तरह स्वास्थ्य और ग्रामीण विकास के बारे में सरकार की ओर से मिलने वाली विभिन्न तरह की सहायता के बारे में भी हर व्यक्ति जानकारी प्राप्त कर सकता है। जिसे भी किसी भी मामले में आशंका होती है अथवा जानने की इच्छा होती है वह ग्राम पंचायत में स्थापित कियोस्क पर जाकर जानकारी हासिल कर ले रहा है।
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राष्ट्रीय शासन योजना कब शुरू हुई?(When did the National Governance Plan start?)
राष्ट्रीय ई-शासन योजना (National e-Governance Plan (NeGP)) भारत सरकार द्वारा आरम्भ की गयी एक योजना है जिसका उद्देश्य भारत के नागरिकों को सभी सरकारी सेवाएँ इलेक्ट्रानिक माध्यमों से उपलब्ध कराना है।[2] यह योजना भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिकी विभाग, सूचना प्रौद्योगिकी विभाग तथा प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग द्वारा बनायी गयी थी
राष्ट्रीय ई-शासन योजना हाईलाइट?(National e-Governance Scheme Highlights)
1 -सिद्धांत
Public Services Closer Home
2 – स्थापना
18 मई 2006[1]
3 – मुख्यालय
नई दिल्ली
4 – स्थान
Offices Spread All Over India
5 – सेवित
क्षेत्र
India
President & CEO (NeGD)
6 – पैतृक संगठन
Ministry of Electronics and Information Technology
7 – जालस्थल
deity.gov.in
राष्ट्रीय ई -शासन का उद्देश्य क्या है
राष्ट्रीय ई -शासन का लक्ष्य सूचना की पहुंच और उपयोग के माध्यम से नागरिकों का सशक्तीकरण है। ई-शासन द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाएं, एक वहनीय लागत पर और स्थानीय आवश्यकताओं के अनुरूप, समाज के सभी वर्गों के लिए एक समान रूप से उपलब्ध होनी चाहिए।
किसान की समस्या का समाधान ?(Solution to farmer’s problem)
ई-शासन होने से उपज के रेट भी खुले रहेंगे। ऐसे में ग्राम पंचायत प्रतिनिधि अपने गांव के किसानों को इस बात से अवगत करा सकेंगे कि आज किस उपज का क्या रेट चल रहा है। ऐसे में जिस दिन उचित लगे उस दिन किसान अपनी उपज को मंडी में बेच सकते हैं। ई-शासन व्यवस्था होने से ग्राम पंचायत पर चौपाल आयोजित करना काफी आसान हो गया है। ग्राम पंचायत प्रशासन अपने गांव के किसानों को प्रतिदिन की स्थिति से अवगत कराते हैं। उन्हें बताते हैं कि सरकार की ओर से किसानों के लिए कौन-कौन सी योजनाएं चलाई जा रही हैं। साथ ही किसानों की ओर से पूछे जाने वाले सवालों का भी तत्काल निस्तारण किया जा सकता हैं। जिन सवालों का तुरंत जवाब नहीं मिलता, उनके सवाल ग्राम पंचायत की मेल के जरिए संबंधित विभाग को भेजा जा सकता है। ऐसे में दूसरे दिन संबंधित किसान की समस्या का समाधान हो जाता है। इस तरह देखा जाए तो किसानों की समस्या का निस्तारण करना ग्राम पंचायत की प्रमुख जिम्मेदारी होती है। ई-शासन के जरिए ग्राम पंचायत किसानों के मामले में पूरी तरह प्रशासनिक क्षमता का विकास भी कर सकता है और समस्या का समाधान भी।
राष्ट्रीय ई -शासन के द्वारा रोजगार ?(Employment through National e-Governance)
ई-शासन व्यवस्था होने से ग्राम पंचायत स्तर पर रोजगार की जानकारी मिल सकेगी। ग्राम पंचायत प्रतिनिधि ग्राम पंचायत भवन में बैठकर यह तय कर सकते हैं कि किस विभाग में और किस पद के लिए भर्ती निकली है। ऐसे में वे अपनी ग्राम पंचायत के बेरोजगारों को संबंधित पद के लिए आवेदन भरने और उन्हें प्रोत्साहित कर सकेंगे। ऐसे में एक तरफ जहां बेरोजगारों को रोजगार मिलेगा वहीं ग्राम पंचायत की छवि जनता के बीच बेहतर बनती है। इसी तरह प्राइवेट कंपनियों में भी रोजगार खोज सकते हैं। अब तो विभिन्न कंपनियों की ओर से ऑनलाइन आवेदन मांगे जाते हैं। ऐसे में इस सुविधा का सबसे ज्यादा लाभ बेरोजगारों को मिल रहा है। इतना ही नहीं जिन लोगों के पास अपना कम्प्यूटर नहीं हैं, वे ग्राम पंचायत की मदद से ई-मेल सुविधा का लाभ ले सकेंगे। क्योंकि तमाम प्राइवेट कंपनियों की ओर से ई-मेल पर नियुक्ति संबंधी जानकारी दी जाती है।
राष्ट्रीय ई -शासन के द्वारा भूमि संबंधी समस्या का समाधान ?
ग्राम पंचायत स्तर पर अक्सर भूमि विभाग के मामले सामने आते रहते हैं। ई-शासन व्यवस्था होने से विवाद की स्थिति में तुरंत ग्रामीणों को उनकी भूमि की स्थिति से अवगत कराकर ग्राम पंचायत प्रशासन विवाद का समाधान कर सकता है। क्योंकि ई-शासन की व्यवस्था होने से किसानों के खेती संबंधी सभी रिकॉर्ड कम्प्यूटराइज्ड कर दिए गए हैं। ऐसे में विवाद की स्थिति में उनका त्वरित निस्तारण किया जा सकता है। इस तरह ई-शासन व्यवस्था के जरिए ग्राम पंचायत प्रशासन विभिन्न विवादों को त्वरित निस्तारित करके जहां बेहतर प्रशासनिक क्षमता दर्शाता हैं वहीं अदालतों पर बढ़ते भार को भी कम करता है। इसके अलावा रिकॉर्ड की जरूरत पड़ने पर किसान को सभी रिकॉर्ड मिल जाते हैं। भू-स्वामियों को नाममात्र दर पर अधिकारों का इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड प्रदान किया जाता है। भूमि प्रशासन में मूल्यवर्धन और आधुनिकीकरण के बारे में जानकारी ली जा सकती है।
राष्ट्रीय ई -शासन के द्वारा संपत्ति का लेखा-जोखा ?(Accounting of assets through National e-Governance)
ग्राम पंचायत प्रशासन के पास एक बड़ी जिम्मेदारी होती है विभिन्न संपत्तियों की रक्षा करना। इसमें सरकारी संपत्ति तो होती ही है साथ ही ग्राम पंचायत में रहने वाले हर व्यक्ति की संपत्ति की रक्षा करना और संपत्ति संबंधी विवादों का निस्तारण करना भी पंचायत प्रशासन की नैतिक जिम्मेदारी होती है। ई-शासन व्यवस्था लागू होने से इस समस्या के समाधान में काफी सहयोग मिला है। चूंकि संपत्ति खरीदने पर संबंधित प्राधिकरण में पंजीकृत कराना होता है, जिसके जरिए कानूनी स्वामित्व का हक मिलता है। पहले इसमें काफी समय लगता था, लेकिन अब चंद मिनटों में ही यह सारी कार्यवाही हो जाती है। कम्प्यूटरीकृत भूमि और संपत्ति पंजीकरण सिस्टम के तहत पंजीकरण करना आसान है। इससे विवाद को जन्म नहीं मिलता। यदि किसी कारण से विवाद होता है तो ग्राम पंचायत उसका त्वरित निस्तारण कर सकती है। ई-शासन के जरिए वह दोनों पक्षों को बैठाकर ऑनलाइन कानून व्यवस्था की भी जानकारी दे सकती है और वास्तविक स्थिति क्या है, इससे दोनों पक्षों को वाकिफ कराकर तनाव खत्म कर सकती है।
ई-शासन के क्षेत्र में सरकारी प्रयास ?(Government efforts in the field of e-governance)
केंद्र सरकार की ओर से ई-शासन के विस्तारीकरण की दिशा में कई तरह की पहल की गई हैं। राज्यों को निर्देश दिया गया है कि जिन राज्यों में अभी तक ई-शासन व्यवस्था को पूरी तरह से अमलीजामा नहीं पहनाया है वे जल्द से जल्द जनता से जुड़े राजस्व, सार्वजनिक वितरण प्रणाली, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज तथा नगरीय विकास व आवास, तहसीलों, सब रजिस्ट्रार कार्यालय, राष्ट्रीय भूमि सुधार प्रबंधन परियोजनाओं सहित सभी विभागों में ई-शासन को लागू करने के साथ ही इससे आमजन को लाभान्वित करें। खासतौर से लोगों को पंचायत स्तर पर भू-अभिलेख वाजिब लागत पर उपलब्ध कराया जाए, साथ ही इन अभिलेखों की ऑनलाइन उपलब्धता भी सुनिश्चित की जाए। ज्यादातर राज्यों में यह व्यवस्था लागू भी हो चुकी है। कुछ स्थानों पर यह कार्य तेजी से चल रहा है और राज्य सरकारें अपने बजट में इस मद में भरपूर पैसे का इंतजाम कर रही हैं।