महंगाई कि समस्या और समाधान पर निबंध हिन्दी मे 2024?Essay on problem and solution of inflation

दोस्तों आज हम आप हो बताने जर रहे है की आप महंगाई कि समस्या और समाधान पर निबंध आप कैसे लिख सकते है दोस्तों यह बात तो सभी जानते हैं कि आज के समय मे महंगाई बढ़ती जा रही है।आजकल सभी लोग महंगाई कि समस्या से प्रभावित है। दोस्तों लेकिन आज कोई भी व्यक्ति यह  जानने की कोशिश नहीं करता है कि महंगाई बढ़ने की समस्या क्या है? इसीलिए आज हम आप  को अपने लिख मे महंगाई कि समस्या और समाधान पर निबंध हिन्दी मे सम्पूर्ण  जानकारी देंगे। यह जानकारी आप सभी के लिए बेहद फायदेमंद साबित होगी क्योंकि इस लेख से आपको पता चलेगा कि महंगाई बढ़ने के कौन-कौन से कारण है।और इसका निवारण क्या है इसे कैसे रोका जा सकता है 

दोस्तों कभी कभी ब्लैक मे भी सामान महंगा मिलता है|इसके लिए भी हर व्यक्ति को प्रत्येक वस्तु के मूल्य के प्रति  जागरूक होना भी बहुत आवस्यक है |और देश कि सरकार को भी समय-समय पर इसकी जांच करनी चाहिए । तभी वह इस देश में लगातार बढ़ती महंगाई को काबू करने में सक्षम हो सकेंगे। अगर आप सभी लोगों को महंगाई से संबंधित कोई जानकारी नहीं है, तो आज हम आप को सम्पूर्ण जान जानकारी देंगे अगर आप सभी लोग महंगाई से संबंधित संपूर्ण जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, तो आपको यह लेख अंत तक पढ़ना होगा।

महंगाई कि समस्या और समाधान पर निबंध हिन्दी मे ?(Essay on problem and solution of inflation in Hindi?)

महंगाई की मार हर कोई झेल रहा है  इस महंगाई को देखते हुए जनता अपनी दैनिक आवश्यकताओं में कटौती करने को विवश हो जाती है । महंगाई का मुख्य कारण है उत्पादन और माँग के बीच की खाई। सरकार को चाहिए की वह इस खाई को दूर करने के लिए आवश्यक कदम उठाए। जनता को उक्त विषय से अवगत करवा कर प्रशिक्षित करे।कालाबाजारी व जमाखोरी भी सीधे तौर पर महंगाई के कारण हैं। आज कल आवश्यक की वस्तुएँ बाजार में तो नहीं पर हाँ जमाखोरों के गोदामों में आप को बेहिन्ता अवश्य मिलेंगे जिस कारण बाजार में बचे हुए माल की कीमत बढ़ जाती है। और वह महंगाई का कारण बनती है। इसलिए सरकार और हर भारतीय नागरिक का कर्तव्य है कि वह आवश्यकता से अधिक का संचयन करे और यदि कोई करता है तो उसकी जाकारी सरकारी अफसरों को दे।

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प्रस्तावना (Introduction) 

आज के समय में महंगाई हमारे देश की एक सबसे बड़ी समस्या बन गई है।भारत की आर्थिक समस्याओं के अन्तर्गत महँगाई की समस्या एक प्रमुख समस्या है। वस्तुओं के मूल्यों में वृद्धि का क्रम इतना तीव्र है कि आप जब किसी वस्तु को दोबारा खरीदने जाते हैं, वस्तु का मूल्य पहले से अधिक बढ़ा हुआ होता है। दिन–दूनी रात चौगुनी बढ़ती इस महँगाई की मार का वास्तविक चित्रण प्रसिद्ध हास्य कवि काका हाथरसी की इन पंक्तियों में हुआ है

ऐसी महंगाई से मध्यम वर्ग के लोगों को बहुत ही समस्या का सामना करना पड़ता है क्योंकि गरीबी रेखा से नीचे वाले लोगों के लिए बहुत सी सुविधा सरकार द्वारा दी गई है। महंगाई ने हमारे देश में इस प्रकार का रूप ले लिया है, जिससे सामाजिक और आर्थिक ढांचा पूर्ण रूप से डगमगा गया है।

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महंगाई के कारण क्या -क्या है ? (What are the reasons for inflation?)

दोस्तों भारत की आर्थिक समस्याओं के अन्तर्गत महँगाई की समस्या एक प्रमुख समस्या है। अब आप के मन मे यह सवाल उठ रहा होगा कि आखिर कार महंगाई के कारण क्या क्या हो सकते है मे आप को पूरी नकारी देंगे बने रहिए हमारे साथ दोस्तों महंगाई से लोग बहुत प्रभावित है महंगाई का हमारे देश में इतनी जनसंख्या बढ़ गई है कि संसाधनों की कमी होती जा रही है।मुख्य कारण वस्तुओं की मांग और आपूर्ति होती है।महंगाई का अर्थ है- वस्तुओं का क्रय मूल्य बढ़ाना और मुद्रा की क्रय शक्ति का हास होना। यदि आप लोग जानना चाहते हैं कि हमारे देश में बढ़ती महंगाई के क्या-क्या कारण है? महँगाई के कारण–वस्तुओं के मूल्य में वृद्धि अर्थात् महँगाई के बहुत–से कारण हैं। इन कारणों में अधिकांश कारण आर्थिक हैं। कुछ कारण ऐसे भी हैं, जो सामाजिक एवं राजनैतिक व्यवस्था से सम्बन्धित हैं। इन कारणों का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है-

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जनसंख्या मे तेजी से वृद्धि ?(rapid increase in population)

हम आप को यह भी बता दे कि स्वतंत्रता के बाद हमारे देश में खाने योग्य अन्न और दैनिक जीवन में उपयोग की जाने वाली व अन्य वस्तुओं का उत्पादन बहुत ही तेजी से बढ़ा था, लेकिन आज के समय में हमारे देश की जनसंख्या बहुत ही तेजी से बढ़ रही है। जिस अनुपात में हमारी जनसंख्या बढ़ रही है |

जितनी तेजी से जनसंख्या में वृद्धि हो रही है, उतनी तेजी से वस्तुओं का उत्पादन नहीं हो रहा है। इसका स्वाभाविक परिणाम यह हुआ है कि अधिकांश वस्तुओं और सेवाओं के मूल्यों में निरन्तर वृद्धि हुई है। इसका स्पष्ट कारण यह है कि आय दिन उत्पादित वस्तुओं की मांग बढ़ती जा रही है क्योंकि अधिक लोगों को अधिक दैनिक जीवन की वस्तुओं की आवश्यकता होती है। यही कारण है कि दिन पर दिन हमारी महंगाई आसमान छू रही है।

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जमाखोरी और मुनाफाखोरी (Hoarding and profiteering)

जैसा कि आप जानते हैं कि हमारे देश में जमाखोरी और मुनाफाखोरी एक बहुत ही आम कार्य बन गया है। जिसके कारण बहुत अधिक पक्षपात होता है, पक्षपात वितरण के कारण भी महंगाई दिन पर दिन बढ़ रही है। आजकल लोगों के द्वारा बहुत ही गलत काम करके महंगाई को बढ़ाया जा रहा है।

बड़े-बड़े व्यापारियों के द्वारा जमाखोरी का कार्य किया जाता है, जिसके कारण बाजार में वस्तुओं की कमी होती है। इसके बाद वह व्यापारी मनमानी कीमत पर उन वस्तुओं को बेचते हैं। इसलिए हम महंगाई का एक कारण जमाखोरी, मुनाफाखोरी और कालाबाजारी को भी दे सकते हैं।

घाटे मे अर्थव्यवस्था (Deficit economy)

दोस्तों, हमारे देश के विकास हेतु पंचवर्षीय योजनाएं शुरू की गई है। योजनाओं के संपूर्ण वित्तीय आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए सरकार को पर्याप्त धन की आवश्यकता होती है। इन संपूर्ण योजनाओं के बियर की पूर्ति के लिए सरकार घाटे की अर्थव्यवस्था का इस्तेमाल करती है। इसके लिए सरकार के द्वारा मुद्रास्फीति का सहारा लेते हैं, इस प्रकार की मुद्रा का प्रसार बढ़ता गया। जिसके चलते राज्यों के द्वारा ओवरड्राफ्ट लिया गया है। अतः इस प्रकार मूल्य में निरंतर कमी आती जा रही है।

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असंगठित उपभोक्ता ?(unorganized consumer)

वस्तुओं का क्रय करनेवाला उपभोक्ता वर्ग प्राय: असंगठित होता है, जबकि विक्रेता या व्यापारिक संस्थाएँ अपना संगठन बना लेती हैं। ये संगठन इस बात का निर्णय करते हैं कि वस्तुओं का मूल्य क्या रखा जाए और उन्हें कितनी मात्रा में बेचा जाए। जब सभी सदस्य इन नीतियों का पालन करते हैं तो वस्तुओं के मूल्यों में वृद्धि होने लगती है। वस्तुओं के मूल्यों में होनेवाली इस वृद्धि से उपभोक्ताओं को अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।

देश मे भ्रष्टाचार (corruption in the country)

हमारे देश में काफी टाइम से भ्रष्टाचार चल रहा है। जिस कारण कुछ लोग घूस लेकर व्यापारियों को कालाबाजारी करने का मौका देते हैं। सरकार के द्वारा देश की जनता राज्य की जनता के लिए पुल, बांध और सड़क आदि को बनवाने हेतु पैसे दिया जाता है। जो इंजीनियर और ठेकेदार मिलकर खा जाते हैं और वह कच्ची सड़के पुल और बांध बना देते हैं।

जिसका परिणाम यह होता है कि कुछ समय बाद यह टूट जाते हैं, इसे पुनः बनाने में सरकार के द्वारा दोबारा पैसा दिया जाता है। जिस कारण महंगाई बढ़ती है। सरकार के द्वारा विभिन्न प्रकार की योजनाएं चलाई जाती है। जिसके द्वारा वह जनता तक आर्थिक सहायता पहुंचाते है। इस आर्थिक सहायताओं को बड़े-बड़े धनी लोगों के द्वारा गवन कर लिया जाता है।

प्रशासन में शिथिलता ?(laxity in administration)

प्रशासन के स्वरूप पर ही देश की अर्थव्यवस्था निर्भर करती है। या प्रशासन सिंथिल पड़ जाता है तो मूल्य बढ़ते जाते हैं; क्योंकि कमजोर प्रशासन व्यापारी–वर्ग पर नियन्त्रण नहीं रख पाता। ऐसी स्थिति में कीमतों में अनियन्त्रित और निरन्तर वृद्धि होती रहती है।

धन का असमान वितरण ?(unequal distribution of wealth)

हमारे देश में आर्थिक साधनों का असमान वितरण महँगाई का मुख्य कारण है। जिनके पास पर्याप्त धन है, वे लोग अधिक पैसा देकर साधनों और सेवाओं को खरीद लेते हैं। व्यापारी धनवानों की इस प्रवृत्ति का लाभ उठाते हैं और महँगाई बढ़ती जाती है। वस्तुतः विभिन्न सामाजिक–आर्थिक विषमताओं एवं समाज में व्याप्त अशान्तिपूर्ण वातावरण का अन्त करने के लिए धन का समान वितरण होना आवश्यक है।

वित्तीय प्रभाव (financial impact)

डॉलर और पौंड के विमुक्त होने के कारण भारत के साथ-साथ अन्य विकासशील देश ऑन पर भी बहुत अधिक वित्तीय प्रभाव पड़ा है। जैसा कि हम सभी जानते हैं कि हमारे देश से आयात निर्यात होता रहता है। इस प्रकार जब हम डॉलर वाले देशों से आयात करते हैं। तब हमें अधिक दान देना होता है। 

हमारे पास पर्याप्त संसाधन पहुंचते हैं, डॉलर और पॉन्ड हमारे देश के रुपए से बहुत अधिक मात्रा में पाए जाते हैं। जिस कारण हमारे देश को करोड़ों रुपए में संसाधन प्राप्त होते हैं। इससे बहुत ही सारे पैसों की हानि होती है।यही कारण है कि यह संसाधन भारत की जनता को अधिक दामों पर मिलते हैं, जिस कारण महंगाई बढ़ रही है।

 महंगाई का आम आदमी पर क्या प्रभाव पड़ता है ?(What effect does inflation have on the common man?)

आप यह बात तो बहुत अच्छे से जानते हैं कि महंगाई बढ़ने पर अमीर लोगों का कुछ भी नहीं बिगड़ता है। महंगाई बढ़ते ही उनको भी फायदा प्राप्त होता है। जिस कारण वह महंगी से महंगी वस्तुएं खरीदने में सक्षम होते है, परंतु महंगाई बढ़ने पर मध्यम वर्गीय परिवार और निम्न वर्ग के परिवार बहुत अधिक प्रभावित होते हैं। 

महंगाई के समाधान के लिए उपाय क्या है ?(What is the solution to solve inflation?)

महंगाई को कम करने के लिए हमें अविलंब उपाय करने होंगे। तभी हम इस परेशानी से मुक्ति पा सकेंगे। महँगाई इसी दर से ही बढ़ती रही तो देश के आर्थिक विकास में बहुत बड़ी बाधा उपस्थित हो जाएगी। इससे अनेक प्रकार की सामाजिक बुराइयाँ जन्म लेंगी; अत: महँगाई के इस दानव को समाप्त करना परम आवश्यक है।महँगाई को दूर करने के लिए सरकार को समयबद्ध कार्यक्रम बनाने होंगे। किसानों को सस्ते मूल्य पर खाद, बीज और उपकरण आदि उपलब्ध कराने होंगे, जिससे कृषि–उत्पादनों के मूल्य कम हो सकें। मुद्रा–प्रसार को रोकने के लिए घाटे के बजट की व्यवस्था समाप्त करनी होगी अथवा घाटे को पूरा करने के लिए नए नोट छापने की प्रणाली को बन्द करना होगा।

  •  सभी कार्यों को करने में जनता को सरकार का पूरा सहयोग करना होगा क्योंकि अकेले सरकार इन सभी कार्यों को खत्म करने में सक्षम नहीं हो सकती है।
  • सरकार के द्वारा परिवार नियोजन कार्यक्रम को बहुत ही तेजी से बढ़ावा देना चाहिए। जिससे जनसंख्या वृद्धि को नियंत्रित किया जा सकता है।
  • महंगाई की समस्या को कम करने हेतु मुद्रास्फीति जैसी प्रक्रियाओं पर भी अंकुश लगाने की आवश्यकता है।
  • भ्रष्टाचार के कारण बहुत ही अधिक महंगाई बढ़ रही है, इसे रोकने के लिए सरकार को कठोर से कठोर कदम उठाने चाहिए।
  • यदि भारत सरकार अपने देश की महंगाई को कम करना चाहती है, तो उसे वितरण की समुचित व्यवस्था आवश्यक तौर पर करनी चाहिए।
  • दोस्तों, मुनाफाखोरी, जमाखोरी और कालाबाजारी की प्रवृत्ति जैसी समस्याओं पर रोक लगाने के लिए सहकारी उपभोक्ता भंडारों की स्थापना तथा सार्वजनिक वितरण व्यवस्था का सहारा लिया जा सकता है।
  • सरकार को दिन पर दिन ऊर्जा के स्रोतों को बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए। जिससे उत्पादन की उत्पत्ति में किसी भी प्रकार की समस्या उत्पन्न ना हो। साथ ही साथ हम सभी आत्मनिर्भर बन सके।
  • सरकार के द्वारा मिल तथा कारखाने में कार्य कर रहे। कर्मचारियों के वेतन को सुनिश्चित करना चाहिए।

उपसंहार–Epilogue-

यदि समय रहते महँगाई के इस दानव को वश में नहीं किया गया तो हमारी अर्थव्यवस्था छिन्न–भिन्न हो जाएगी और हमारी प्रगति के सारे मार्ग बन्द हो जाएँगे, भ्रष्टाचार अपनी जड़ें जमा लेगा और नैतिक मूल्य पूर्णतया समाप्त हो जाएँगे।

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