दोस्तों आज हम बात करेंगे कि भारतीय क्रेडिट कार्ड कंपनियां पैसे कैसे कमाती हैं और कितना कमाती है आज हम आप को भारतीय क्रेडिट कार्ड कंपनियां पैसे कैसे कमाती हैं कीसम्पूर्ण जानकारी प्रदान करेंगे जैसा की आप जानते है जब से बैंको के द्वारा क्रेडिट कार्ड की सेवा को शुरू किया गया है, तब से क्रेडिट कार्ड धारक मार्केट में बिना पैसे के भी बिना परेशानी के कोई भी समान खरीद लेते है एक प्रकार से क्रेडिट कार्ड वालों की तो मौज ही मौज। इसके अलावा इसका उपयोग करके आप कई तरह के सामन भी खरीद सकते है जैसे – मोबाइल, लैपटॉप, टीवी, फ्रिज ,कूलर ,पंखा ,जैसी कोई भी चीज को आप ईएमआई पर 0% ब्याज पर खरीदारी सकते हो। अगर क्रेडिट कार्ड धारक अपने कार्ड का नियमित रूप बिल पेमेंट करता रहता है तो उकसी क्रेडिट लिमिट बढ़ती है और सिबिल स्कोर भी अच्छा बनाता है।
आप को और बात दें कि खरीदारी में कैश बैक का ऑप्शन और बैंक रिवॉर्ड प्वाइंट्स (reward points) दे रहे, सो अलग। जब की कई बैंक तो अपना क्रेडिट कार्ड निशुल्क भी प्रदान कर रही है | क्या आपके के मन में सवाल उठता है कि ऐसे में क्रेडिट कार्ड कंपनियों की कमाई कैसे होती है?अगर आपको नहीं पता तो कोई बात नहीं हम आप को बताते है | दोस्तों आप से निवेदन है की मेरे इस लेख को पूरा जरूर पढ़ें ताकि आप को पूरी जानकारी मिल सके भारतीय क्रेडिट कार्ड कंपनियां पैसे कैसे कमाती हैं|क्रेडिट कार्ड के फायदे,नुकसान व क्रेडिट लिमिट क्या होती है?
क्रेडिट कार्ड क्या होता है ?(what is a credit card).
यह जानने से पहले कि भारतीय क्रेडिट कार्ड कंपनियां पैसे कैसे कमाती हैं आप को यह भी जानना बहुत जरूरी है दोस्तों आप मे से बहुत से लोग अभी यह भी नहीं जानते होंगे की आखिर कार क्रेडिट क्या होता है?दोस्तों आगे बढ़ने से पहले आप को यह भी जानना भी बहुत जरूरी है कि आखिर कार क्रेडिट क्या होता (What is credit?) |आप को बात दें कि क्रेडिट कार्ड एक पतला प्लास्टिक का कार्ड होता है जिसमे बैंको के द्वारा एक निश्चित धनराशि उधर के तौर पर प्रदान की जाती है और इस धनराशि पर ब्याज लिया जाता है। क्रेडिट कार्ड लिमिट के आधार पर आप किसी भी प्रकार की वस्तु को ऑनलाइन या ऑफलाइन बाजार में जाकर खरीद सकते है।
आप को यह भी हम बात दे किआपको इस धनराशि का हर महीने नियमित रूप से भुगतान भी करना होगा। यहां आप जैसे-जैसे महीने का क्रेडिट कार्ड बिल का भुगतान करते जाएंगे, वैसे-वैसे आपको अग्रिम धन प्राप्त करने की सुविधा मिलती है। वर्तमान समय में कई सारी कंपनिया है, जो ग्राहकों को क्रेडिट कार्ड प्राप्त करने की सुविधा प्रदान करते है।
क्रेडिट कार्ड कि लिमिट क्या होती है?(What is the credit card limit)
दोस्तों आप के मन मे यह सवाल कभी न कभी जरूर आया होगा की क्रेडिट की लिमिट क्या होती है आप को नहीं पता कोई बात नहीं हम आप को बताते है कि क्रेडिट की लिमिट क्या होती है हम आप को बात दें कि क्रेडिट के द्वारा व्यक्ति को एक लिमिट तक उधार धनराशि प्रदान की जाती है, जिसे क्रेडिट लिमिट कहते है। लेकिन आपने कभी सोचा है कि एक व्यक्ति की क्रेडिट लिमिट कैसे निर्धारित की जाती है? तो हम आपको बता दें कि क्रेडिट कार्ड की लिमिट उसे व्यक्ति की इनकम और क्रेडिट स्कोर तथा क्रेडिट हिस्ट्री के आधार पर निर्धारित की जाती है। जिस व्यक्ति की इनकम और क्रेडिट स्कोर जितना अच्छा होता है उसे उतनी अधिक क्रेडिट लिमिट पर क्रेडिट कार्ड प्रदान किया जाता है।
क्रेडिट कार्ड के क्या फायदे है ?(What are the benefits of credit card).
- क्रेडिट कार्ड होने पर आपको ज्यादा कैश साथ लेकर चलने की आवश्यकता नहीं पड़ती।
- मार्केट में कैश काउंट करने या चेक काटने से भी आपका पीछा छूटता है। केवल एक स्वैप से आपका भुगतान हो जाता है।
- अपनी जेब और एकाउंट में कैश न होने पर भी आप फ्लाइट की टिकट बुक कराने जैसे बड़े काम के साथ ही मोबाइल रिचार्ज करने जैसे छोटे-मोटे भुगतान कर सकते हैं।
- क्रेडिट कार्ड से भुगतान करने पर आम तौर पर रिवॉर्ड्स प्वाइंट्स (rewards points) मिलते हैं। आप मुफ्त फ्लाइट टिकट्स जैसे गिफ्ट्स/वाउचर्स आदि के लिए इन्हें रिडीम (redeem) करा सकते हैं और बचत कर सकते हैं।
- क्रेडिट कार्ड से खरीदारी करने पर आपको खरीदारी व भुगतान के बीच 50 दिन तक का एक ग्रेस पीरियड (grace period) मिलता है। यह 50 दिन तक हो सकता है। इस दौरान बैंक आपसे कोई ब्याज नहीं लेता।
- क्रेडिट कार्ड से रिकरिंग पेमेंट करना भी आसान है। आप अपने क्रेडिट कार्ड को इसके लिए ऑटोमैटिक (automatic) सेट कर सकते हैं। इससे हर महीने आपका बिजली या गैस बिल का भुगतान स्वत: समय पर हो जाएगा। पेमेंट में चूक नहीं होगी।
- आप अपने क्रेडिट कार्ड को डिजिटल वॉलेट (digital wallet) से लिंक (link) करा सकते हैं। इससे आप कार्ड बगैर भी वॉलेट से स्कैन (scan) कर पेमेंट कर सकेंगे।
- क्रेडिट कार्ड से पेमेंट करने पर आप कई प्रकार के डिस्काउंट एवं कैशबैक discount and (cashback) पा सकते हैं।
- क्रेडिट कार्ड से सही समय पर भुगतान आपके सिबिल स्कोर (CIBIL score)को भी मजबूत करता है जिससे आपको आगे लोन लेने में आसानी होती है।
क्रेडिट कार्ड के क्या-क्या नुकसान हैं?(What are the disadvantages of credit cards).
- क्रेडिट कार्ड से खरीदारी करने के लिए आपको साथ में कैश (cash) रखने की जरूरत नहीं पड़ती, इसलिए कई बार लोग वे चीजें भी खरीद लेते हैं जिनकी उन्हें जरूरत नहीं होती। इस प्रकार क्रेडिट कार्ड आवश्यकता से अधिक खर्च करने का कारण बन सकता है।
- यदि क्रेडिट कार्ड के पेमेंट का भुगतान समय से नहीं होता है तो इससे आपका सिबिल स्कोर खराब हो सकता है, जो कि आपका एक बहुत बड़ा नुकसान साबित हो सकता है। क्योंकि इससे आपको आगे चलकर लोन लेने में दिक्कत हो सकती है।
- यदि आप क्रेडिट कार्ड पर बकाया राशि का भुगतान देय तिथि (payment on due date) पर नहीं कर पाते तो आपको ऊंची दर से ब्याज चुकाना पड़ता है।
भारतीय क्रेडिट कार्ड कंपनियां पैसे कैसे कमाती हैं ?(How do Indian credit card companies make money).
दोस्तों हमने आप को जहां तक हमे क्रेडिट कार्ड के बारें मे सभी सभी बेसिक जानकारी प्रदान की है अब हम आपको बताएंगे कि क्रेडिट कार्ड के द्वारा भारतीय क्रेडिट कार्ड कंपनियां पैसे कैसे कमाती हैं असल में क्रेडिट कार्ड कंपनियों क्रेडिट कार्ड के द्वारा एक लोन की तरह कर्ज देने का बिजनेस का कार्य करती हैं दोस्तों और भी कई तरीके से भारतीय क्रेडिट कार्ड कंपनियां पैसे कैसे कमाती हैं जैसे —–
1-क्रेडिट कार्ड कंपनियां ज्वॉइनिंग फीस से कैसे कमाती हैं ?(How do credit card companies earn from joining fees).
दोस्तों जैसा की अप जानते है कि आज कल बहुत सी बैंक है जो कि फ्री मे भी क्रेडिट कार्ड क्रेडिट कार्ड मुहैया करा देते हैं, लेकिन अधिकांश बैंकों द्वारा क्रेडिट कार्ड लेने के लिए ग्राहकों से एक ज्वॉइनिंग फीस (joining fee) भी वसूली जाती है। इस प्रकार भीम की कमाई का एक जरिया है। दोस्तों, इसके अतिरिक्त क्रेडिट कार्ड कंपनियों द्वारा बैलेंस ट्रांसफर फीस (balance transfer fee), लेट पेमेंट फीस (late payment fee), कैश एडवांस फीस (cash advance fee), फॉरेन ट्रांजेक्शन फीस (foreign transaction fee) के साथी कुछ अन्य चार्ज भी वसूले जाते हैं, जो भारतीय क्रेडिट कार्ड कंपनियां पैसे कैसे कमाती हैं
2-क्रेडिट कार्ड कंपनियां मेंबरशिप फीस से कैसे कमाती हैं ?(How credit card companies earn from membership fees).
दोस्तों आप को हम बात दें कि एसी कई सारी क्रेडिट कार्ड कंपनियों व बैंकों के द्वारा अपने ग्राहक को से क्रेडिट कार्ड पर मेंबरशिप फीस भी ली जाती है एसे मे कई ऐसे बैंक हैं जो एक निश्चित सीमा तक ट्रांजैक्शन के बाद ग्राहक को उसकी मेंबरशिप फीस लौटा देती है लेकिन कुछ बैंकों के द्वारा इस फीस को सालाना फीस के तौर पर वसूला जाता है। कहने का तात्पर्य यह है कि बैंकों के द्वारा जितने भी क्रेडिट कार्ड मेंबरशिप पर प्रदान किए जाते हैं उन पर मेंबरशिप फीस ली जाती है जो भारतीय क्रेडिट कार्ड कंपनियां पैसे कैसे कमाती हैं |
3-क्रेडिट कार्ड कंपनियां इंटरचेंज फीस से कैसे कमाती हैं ?(How Credit Card Companies Earn Interchange Fees).
दोस्तों, क्रेडिट कार्ड की आय का एक बड़ा हिस्सा एमडीआर फीस (MDR fee) के रूप में आता है। यह तो आप जानते ही हैं कि जब भी कोई ग्राहक क्रेडिट कार्ड से शॉपिंग (shopping) करता है तो मर्चेंट पर एक मर्चेंट डिस्काउंट रेट (Merchant Discount Rate) यानी एमडीआर फीस लगाई जाती है। आपको बता दें कि यह फीस कुल ट्रांजेक्शन वैल्यू (transaction value) की 1 से लेकर 3 फीसदी तक होती है। इस एमडीआर फीस को कई पक्षों में बांटा जाता है।
इसमें पेमेंट इकोसिस्टम (payment ecosystem) के साथ ही कार्ड ट्रांजेक्शन प्रोसेस (card transaction process) करने वाला बैंक एवं कार्ड नेटवर्क (card network) शामिल होता हैं। अब यहां कार्ड जारी करने वाली कंपनी की तरफ से एक इंटरचेंज फीस (interchange fee) लगाई जाती है। आपको बता दें कि यह कुल एमडीआर का सबसे बड़ा हिस्सा होती है।जिससे भारतीय क्रेडिट कार्ड कंपनियां पैसे कैसे कमाती हैं |
4-क्रेडिट कार्ड कंपनियां ब्याज से कमाई करती है ?(Credit card companies earn from interest).
दोस्तों, आपको बता दें कि क्रेडिट कार्ड कंपनियों की सबसे ज्यादा कमाई ब्याज (interest) से होती है। यह तो आप जानते ही हैं कि क्रेडिट कार्ड कंपनियां लोगों को लोन (loan) भी मुहैया कराती हैं। इस लोन पर वे अच्छा खासा ब्याज कमाती हैं। जान लीजिए कि यह ब्याज 12 फीसदी से लेकर 24 फीसदी तक का होता है। एकदम पर्सनल लोन के माफिक।
इसके अलावा दोस्तों, ऐसे बहुत सारे लोग होते हैं तो अपने क्रेडिट कार्ड का बकाया (balance) नहीं चुका पाते। ऐसे में उन पर ब्याज लगता है। यह आज भी कुछ कम नहीं होता। यह 30 फीसदी से लेकर 50 फीसदी तक हो सकता है। इसके अलावा कई बार लोग ईएमआई पर कुछ ब्याज देकर भी सामान खरीदते हैं। इस ब्याज की दरें अधिकांशतः 10 से लेकर 20 फीसदी के बीच रहती हैं। ऐसे में स्पष्ट है कि क्रेडिट कार्ड कंपनियां सबसे अधिक कमाई ब्याज से करती हैं।
5-क्रेडिट कार्ड कंपनियां कैश विद्ड्राल से कमाई कैसे करती है ?(How credit card companies make money from cash withdrawals).
आप में से कुछ ही लोगों को यह पता होगा कि क्रेडिट कार्ड से हम कैश निकाल सकते है लेकिन क्रेडिट कार्ड से कैश विद्ड्राल करने पर क्रेडिट कार्ड कंपनियों के द्वारा भारी भरकम ब्याज लिया जाता है। बहुत सारे ऐसे लोग हैं जो क्रेडिट कार्ड का उपयोग करते हैं और जब उन्हें आपातकालीन स्थिति में पैसों की आवश्यकता होती है तो वह अपने क्रेडिट कार्ड से पैसे विद्ड्राल कर लेते हैं और फिर उन्हें क्रेडिट कार्ड के बकाए के साथ अधिक ब्याज भी देना पड़ता है।
क्रेडिट कार्ड बकाया राशि समय पर भुगतान करने के क्या फायदा है ?(What are the benefits of paying credit card dues on time)
दोस्तों हम आप को यह भी बताते चलें कि अगर कोई व्यक्ति अपने क्रेडिट कार्ड के बकाए का भुगतान समय पर करता है तो इससे उसके क्रेडिट कार्ड लिमिट बढ़ाने की संभावना रहती है साथ ही साथ सिविल स्कोर भी बेहतर बनता है जिससे वह भविष्य में आवश्यकता पड़ने पर आसानी से लोन प्राप्त कर सकता है।
क्रेडिट कार्ड बकाया राशि समय पर भुगतान नहीं करने के क्या नुकसान है?(What are the disadvantages of not paying credit card dues on time).
हम आप को यह भी बता दें यदि कोई क्रेडिट कार्ड धारक क्रेडिट कार्ड की लिमिट का भुगतान समय पर नहीं करता है तो उसका सिबिल स्कोर खराब हो जाता है और अगर वह समय पर क्रेडिट कार्ड भुगतान करता है तो उसका सिबिल स्कोर अच्छा और मजबूत हो जाता है।
क्रेडिट कार्ड कंपनियों के कमाई करने के अन्य तरीके ?(Other ways for credit card companies to make money)
दोस्तों हम आप को बात दें की क्रेडिट कार्ड कंपनियों के कमाई करने के अन्य भी तरीके है|ये कंपनियां बैलेंस ट्रांसफर फीस, लेट पेमेंट फीस, कैश एडवांस फीस, फॉरेन ट्रांजेक्शन फीस और कुछ अन्य चार्ज भी लगाती हैं.
क्रेडिट कार्ड रिवार्ड का भुगतान कौन करता है ?(Who Pays Credit Card Rewards).
दोस्तों आप के मन मे यह भी सवाल कभी न कभी जरूर आया होगा की क्रेडिट कार्ड रिवर्ड का भुगतान कौन करता है आप को नहीं पता होई बात नहीं हम बताते है क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करने पर आपको रिवॉर्ड प्वाइंट, कैशबैक इत्यादि का लाभ मिलता है।
क्रेडिट कार्ड कंपनियां कई माध्यमों से राजस्व अर्जित करती हैं, और एक महत्वपूर्ण स्रोत व्यापारियों द्वारा भुगतान की जाने वाली मर्चेंट डिस्काउंट रेट होती है। जितना अधिक हम उनके क्रेडिट कार्ड का उपयोग करके खर्च करते हैं, उतनी अधिक आय क्रेडिट कार्ड कंपनियां इन शुल्कों से अर्जित करती हैं। खर्च बढ़ने से भुगतान में देरी की संभावना भी बढ़ जाती है, जिसके परिणामस्वरूप बैंकों को ब्याज आय में वृद्धि होती है।
ग्राहकों को अधिक खर्च करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए, बैंक और क्रेडिट कार्ड कंपनियां अक्सर अपने ग्राहकों को लक्षित ऑफर भेजती हैं और रियायती ऑनलाइन/ऑफ़लाइन बिक्री को बढ़ावा देती हैं। ऐसा करके, उनका लक्ष्य ग्राहक खर्च बढ़ाना है, जिससे अधिक राजस्व प्राप्त हो सके।
भारतीय क्रेडिट कार्ड कंपनियां पैसे कैसे कमाती हैं से Related FaQ
क्रेडिट कार्ड क्या होता है?
दोस्तों क्रेडिट कार्ड बैंकों द्वारा जारी एक फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट्स होता है।
भारतीय क्रेडिट कार्ड कंपनियां कैसे कमाई करती हैं?
भारतीय क्रेडिट कार्ड कंपनियां ब्याज, कैश निकासी, ज्वाइनिंग फीस, मेंबरशिप फीस आदि के जरिए कमाई करती है।
क्रेडिट कार्ड के क्या फायदे हैं?
क्रेडिट कार्ड का सबसे बड़ा फायदा यह है कि आप जेब में क्या इतना होने के बावजूद पेमेंट कर सकते हैं।
ग्रेस पीरियड का क्रेडिट कार्ड होल्डर को क्या फायदा होता है?
क्रेडिट कार्ड से की गई खरीदारी पर मिले ग्रेस पीरियड के दौरान क्रेडिट कार्ड होल्डर को ब्याज नहीं चुकाना पड़ता।
क्रेडिट कार्ड पर कैश लेने पर कितना चार्ज लगता है?
दोस्तों आप हो हम बात दें कि क्रेडिट कार्ड से कैश लेने पर लगभग 2 से 3 प्रतिशत चार्ज लगता है |
भारत में सबसे अच्छा क्रेडिट कार्ड कौन सा है?
दोस्तों भारत का सबसे अच्छा क्रेडिट कार्ड sbi क्रेडिट कार्ड है जिसमे आप को सब तरह के लाभ मिलते है |
क्रेडिट कार्ड कंपनियां कैसे सफल होती हैं?
दोस्तों हम आप को बता दें की क्रेडिट कार्ड कंपनियां ब्याज शुल्क से सफल बनती है |
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